शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

देश की शिक्षा व्यवस्था

मैं काबिल-ए-तारीफ
देश की शिक्षा व्यवस्था हूँ
मैं भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबा
शिक्षा के नाम पर मजाक हूं
कुव्यवस्था में लिपटा
कुम्हार के चाक का माटी हूं मैं

अपंग अपाहिज
टूटी हुई बैसाखियों के सहारे
लंगड़ाता घिसटाता
नित्य नया समाचार हूं मैं

कदाचार का जमावड़ा
गंदी राजनीति का शिकार
धोखाधड़ी का अखाड़ा हूं मैं

मध्याह्म भोजन के नाम पर लुट हूं
सरकारी राशियों की
खसोट हूं मैं
शिक्षा का दुष्प्रचार हूं
बच्चों की आंखो में
झोंका जाने वाला
धूल हूं मैं
दाल में गिरी छिपकली तथा
भात में रेंगता
सफेद कीड़ा हूं मैं

शान से
लहराता बलखाता
खुशी खुशी
फलता फूलता
देश की शिक्षा व्यवस्था हूं मैं
                             @पंकज कुमार साह

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